माफिया मुक्त पंजाब के लिए हर दवा बेअसर होने पर ग्रेवाल ने लिया अरदास व प्रार्थना का सहारा
लुधियाना, जांलधर, अमृतसर। पंजाब की आर्थिक राजधानी लुधियाना के एक छोटे से गांव भूखड़ी कलां में किसान परिवार में जन्म लेकर पंजाब की धरती के लिए कुछ कर दिखाने के जज्बा रखने वाले सुखमिन्द्रपाल सिंह ग्रेवाल ने दृढ़ निश्चय के साथ गांव से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर जनमानस की सम्सयाओं के सामधान के लिए जूझते हुए कड़ी लगन व मेहनत से खुद को स्थापित करके भाजपा के किसान मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव पद पर पंहुचने के बाद भी अपनी मातृ भूमि पंजाब के दर्द को नहीं भूले। पंजाब में बहते नशे रूपी छठे दरिया, रेत माफिया, भू माफिया, ट्रांसपोर्ट माफिया और केबल माफिया की तरफ से पंजाब की धरती को दिए गहरे जख्मों के दर्द से कराह रही पंजाब की धरती के जख्मों पर मरहम लगाने के प्रयास आरम्भ करके राज्य को हर तरह के माफिया से मुक्ति के लिए वर्ष 2009 में संकल्प किया। जब उनके संकल्प में राजनितिक मजबूरियों के चलते बाधाए खड़ी हुई और उपरोक्त कुरितियों से छुटकारे के लिए हर दवा बेअसर होती देखी तो दृढ़ निश्चय वाले ग्रेवाल ने अपनी मातृ भूमि पंजाब के जख्मों के दर्द को कम करने के लिए दवा की बजाए दुआ का सहारा लेकर लुधियाना से श्री अमृतसर तक सैंकड़ों सर्मथकों सहित पंजाब की भलाई के लिए अरदास यात्रा आरम्भ करके श्री हरिमंदिर साहिब में अकालपुरुख वाहेगुरु के समक्ष अरदास, दुर्गयाणा मंदिर व भगवान वाल्मीकि तीर्थ में प्रार्थना करके पंजाब की धरती को माफिया मुक्त करने का निर्णय किया। आखिर 19 जुलाई को लुधियाना से अमृतसर तक ग्रेवाल के नेतृत्व में अरदास यात्रा आरम्भ हुई तो अरदास यात्रा में उम्मीद से ज्यादा उमड़ी हजारों पंजाब हितैषियों की भीड़ व बीच रास्ते सैकड़ों स्थलों पर विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक व धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों की तरफ से राजनीतिक भेदभाव भुला कर अरदास यात्रा के स्वागत ने पंजाब के सियासी क्षेत्रों में हलचल पैदा कर दी है। हरे भरे पंजाब के लिए अरदास यात्रा के स्वप्नसाज सुखमिन्द्रपाल सिंह ग्रेवाल यात्रा में शामिल हजारों समर्थकों व स्वागत के लिए राजनीतिक नेताओं की उमड़ी भीड़ को देख कर खुद हैरान थे कि पंजाब की जनता पंजाब में फैले नशे की दरिया, रेत माफिया, भू माफिया, ट्रांसपोर्ट माफिया और केबल माफिया से छुटकारे के लिए के लिए कितनी बेचैन है। बीच रास्ते जहां पर अरदास यात्रा का सैकड़ों स्थलों पर स्वागत हुआ। वहीं हरिमंदिर साहिब में यात्रा पहुंचने पर पहले से ही ढाडी जत्थे की तरफ से नशे के खिलाफ ढाडी वारें पेश की जा रही थीं। अरदास यात्रा में शामिल सैकड़ों पंजाब हितैषियों का काफिला श्री हरिमंदिर साहिब से अरदास करने के उपरांत दुर्गायाणा मंदिर की तरफ बढ़ा तो लोगो ने बीच ढोल नगाड़ों के साथ यात्रा का स्वागत करके सुखमिन्द्रपाल सिंह ग्रेवाल की तरफ से पंजाब को नशामुक्त, माफिया मुक्त एवं हरा-भरा बनाने के स्वप्न को साकार करने का संकल्प करते हुए यात्रा में शामिल होकर दुर्गयाणा मंदिर में भगवान के समक्ष पंजाब को खुशहाल एवं समृद्घ बनाने की प्रार्थना की। दुर्गयाना मंदिर से काफिला भगवान वाल्मीकि तीर्थ की तरफ रवाना हुआ । बीच रास्ते अनेक स्थलों लंगर प्रसाद की व्यवस्था करके सर्मथकों ने अरदास यात्रा की कामयाबी पर शुभकमनाएं देते हुए सुखमिन्द्रपाल सिंह ग्रेवाल की तरफ से चलाए जा रहे अभियान में उनके कंधे से कंधा मिलाकर चलने का भरोसा दिलाया। यात्रा के अंतिम पड़ाव में भगवान बाल्मीकि तीर्थ के महंत ने सुखमिन्द्रपाल सिंह ग्रेवाल व सर्मथकों की तरफ से भगवान वाल्मीकि जी के चरणों में प्रार्थना करके पंजाब की खुशहाली लौटाने के लिए निवेदन किया। सुखमिन्द्रपाल सिंह ग्रेवाल ने महंत जी से आशीर्वाद लेकर अरदास यात्रा को लुधियाना के लिए रवाना किया। लुधियाना के लाडोवाल स्थित टोल प्लाजा के समीप यात्रियों ने अरदास यात्रा के निर्विघ्न सम्पन्न होने पर अकाल पुरख वाहेगुरु, और भगवान का कोटिन-कोट धन्यवाद करते हुए भविष्य में भी पंजाब को हरा-भरा बनाने के लिए प्रयास करने की शक्ति मांगी। इस अवसर पर ग्रेवाल समर्थकों ने भरोसा दिलाया कि इस बार सुखमिन्द्रपाल सिंह ग्रेवाल ने अरदास यात्रा का प्रबंध करेक उन्हें पंजाब की खुशहाली के लिए अरदास करने का मौका दिया है। भविष्य में हर समर्थक ऐसे अभियानों को अपने बलबूते सफल बनाएगा।
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